नीतीश सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार का फोकस नौकरी, रोजगार, महिला और किसानों पर होगा। लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह आने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पेश हो रहा है।
आज बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार का फोकस नौकरी, रोजगार, महिला और किसानों पर होगा। पिछले साल 2.78 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। इस साल का बजट तीन लाख 10 हजार करोड़ होने का अनुमान है। इस बार के बजट पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। उन्हें इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह आने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पेश हो रहा है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी का यह बजट न केवल राज्य के विकास की दिशा तय करेगा, बल्कि आगामी चुनावी परिणामों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। इस बजट से क्या उम्मीदें हो सकती हैं, और इसके अंदर कौन से प्रमुख निर्णय हो सकते हैं? आइए, जानते हैं कैसा रहेगा इस साल का बजट…
चुनाव से पहले तीन लाख नौकरी पर फोकस
एक्सपर्ट की मानें तो आज के बजट में सबसे बड़ा फोकस राज्य की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन पर हो सकता है। चुनावी वर्ष होने के कारण, यह संभावना है कि वित्त मंत्री सम्राट चौधरी रोजगार बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं का एलान करें। यह विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जा सकता है, ताकि सरकार की छवि को युवा मतदाताओं के बीच मजबूत किया जा सके। सरकार नौकरी और रोजगार पर कई बार बात चुकी है। चुनाव से पहले तीन लाख को नौकरी देने का दावा भी कर चुकी है। उम्मीद है कि नीतीश सरकार शिक्षक बहाली, सिपाही भर्ती समेत अन्य नौकरी को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है।
पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर सकती है सरकार
एक्सपर्ट की मानें तो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और झारखंड में पेट्रोल-डीजल के दाम बिहार की तुलना में कम है। महाकुंभ मेले के दौरान बिहार से कई श्रद्धालु यूपी गए। वहां पर पेट्रोल डीजल के रेट का बिहार से तुलना कर सोशल मीडिया पर शेयर किया और नीतीश सरकार इसे कम करने की अपील की थी। बिहार में पेट्रोल-डीजल महंगे होने का कारण यह भी है कि यह जीएसटी के दायरे में नहीं आता। नीतीश सरकार इस पर वैट वसूलती है। पेट्रोल-डीजल के बेस प्राइस पर 48 फीसदी वैट लगता है। एक्साइज ड्यूटी 35 प्रतिशत, सेल्स टैक्स 15 प्रतिशत और कस्टम ड्यूटी दो प्रतिशत लगाई जाती है। लोगों को उम्मीद है कि नीतीश सरकार इस बार के बजट में पेट्रोल-डीजल के दाम कम करे।
कृषि और ग्रामीण विकास पर भी फोकस
कृषि और ग्रामीण विकास भी इस बजट में अहम स्थान ले सकता है, क्योंकि यह राज्य के एक बड़े हिस्से की मुख्य चिंता है। आगामी चुनावों के मद्देनजर, किसानों और ग्रामीण जनता को संतुष्ट करने के लिए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी कुछ विशेष योजनाओं का एलान कर सकते हैं। पिछले कई सालों से बिहार में मंडी व्यवस्था लागू करने की मांग उठ रही है। सरकार का फोकस इस पर हो सकता है। किसानों के लिए ऋण माफी या ऋण पर ब्याज सब्सिडी। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन नीतीश सरकार कर सकती है।
सामाजिक कल्याण योजनाओं पर फोकस
चुनावों के मद्देनजर, यह भी संभव है कि वित्त मंत्री सम्राट चौधरी कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजनाओं की घोषणा करें। विशेष रूप से महिलाएं, वृद्धजन और पिछड़े वर्ग के लिए नए कार्यक्रमों का एलान किया जा सकता है। रविवार को पटना में तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। कहा था कि पिछले 20 साल से वृद्धा पेंशन 400 रुपये ही है। इसलिए सरकार को इस पर बढोतरी करनी चाहिए। तेजस्वी यादव ने वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन 400 से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की मांग की है।
पुनर्निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर
बिहार में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और विकास कार्यों का एलान इस बजट में किया जा सकता है। आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह एक प्रमुख रणनीति हो सकती है, क्योंकि ऐसे प्रोजेक्ट्स रोजगार पैदा करते हैं और क्षेत्रीय विकास में मदद करते हैं। नीतीश सकार सड़क, पुल, और पर्यटन उद्योग के विकास के लिए बजट में घोषणाएं कर सकती है।
शिक्षा और स्वास्थ पर भी फोकस
स्वास्थ्य, शिक्षा, और सार्वजनिक परिवहन जैसी सार्वजनिक सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सरकार इस बजट में इन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त आवंटन कर सकती है। यह सरकार की छवि को सशक्त बनाएगा और मतदाताओं को बेहतर सेवाएं देने के सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करेगा। एक्सपर्ट की मानें तो सम्राट चौधरी द्वारा प्रस्तुत यह बजट चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संतुलित और विकासोन्मुखी हो सकता है। सरकार का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य के विकास को गति देना होगा, बल्कि चुनावी समीकरण को भी ध्यान में रखते हुए विभिन्न वर्गों को संतुष्ट करना होगा।