डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में क्या-क्या खास होने वाला है? इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? यह कहां होता है? और पूरी दुनिया की नजर इस शपथग्रहण समारोह पर क्यों बनी रहती है? आइये जानते हैं…
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को एक भव्य शपथग्रहण समारोह में देश के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। अमेरिका में इसे इनॉग्रेशन डे यानी अनावरण दिवस भी कहा जाता है। अमेरिका के इतिहास में इस आधिकारिक दिन की अपनी अलग मान्यता है। शपथग्रहण के दिन एक जश्न परेड से लेकर नाच-गाने के लिए आयोजन तक, शपथग्रहण का मौका अमेरिका में एक बड़ा आयोजन बन जाता है। इसी दिन राष्ट्रपति के साथ उपराष्ट्रपति का भी शपथग्रहण होगा।
से में यह जानना अहम है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में क्या-क्या खास होने वाला है? इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? यह कहां होता है? और पूरी दुनिया की नजर इस शपथग्रहण समारोह पर क्यों बनी रहती है? आइये जानते है
अनावरण समारोह क्या होता है, इसकी जरूरत क्यों?
अनावरण समारोह यानी जिस दिन अमेरिका में राष्ट्रपति का शपथग्रहण होता है, यह दिन इस बात का परिचायक है कि अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति का नेतृत्व अब पूरी तरह हट चुका है और उसकी जगह एक नए नेतृत्व ने जिम्मेदारी उठा ली है। अमेरिका में इसे सत्ता के बदलाव के मौके की तरह देखा जाता है। यूं तो डोनाल्ड ट्रंप को बीते साल नवंबर में ही राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद से अनावरण समारोह तक वे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ही रहे।
मजेदार बात यह है कि अमेरिका में सत्ता के बदलाव के लिए 20 जनवरी की तारीख तय है। यह व्यवस्था भारत से अलग है, जहां चुनाव के बाद शपथग्रहण तब तक हो सकता है, जब तक पिछली सरकार का कार्यकाल खत्म न हो जाए। अमेरिका में चुनाव के बाद 20 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजे ही मौजूदा राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को सत्ता सौंपते हैं। अगर किसी वजह से 20 जनवरी को कोई अप्रिय घटना हो जाए या रविवार या किसी और छुट्टी का दिन पड़ जाए तो ऐसे समय में राष्ट्रपति को निजी तौर पर शपथ दिला जाती है। हालांकि, सार्वजनिक शपथग्रहण समारोह अगले दिन यानी 21 जनवरी को आयोजित किया जाता है।

20 जनवरी को शपथग्रहण के दौरान क्या-क्या होगा?
- ट्रंप के दूसरे अनावरण दिवस की शुरुआत वॉशिंगटन डीसी की ऐतिहासिक चर्च में सेवा से शुरू होगी। वह सबसे पहले लफायेत स्क्वायर पर सेंट जॉन चर्च जाएंगे। इस चर्च में पहली सेवा 1816 में की गई थी। राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन के बाद से ही हर अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति यहां सेवा देने के बाद ही शपथग्रहण में शामिल होता है।
- इसके बाद वह स्थानीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे समारोह की शुरुआत होगी। उस वक्त भारत में रात के 8 बज रहे होंगे।
- सबसे पहले म्यूजिकल परफॉर्मेंस दी जाएंगी। इसके बाद ओपनिंग रिमार्क्स दिए जाएंगे।
ट्रंप-वैंस को कौन दिलाएगा शपथ
- डोनाल्ड ट्रंप और उनके साथी जेडी वैंस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कैपिटल रोटुंडा (यानी इमारत के हॉल) में पद की शपथ लेंगे। बताया गया है कि ट्रंप इस बार दो बाइबल पर शपथ लेंगे। एक 1955 में उनकी मां की तरफ से दी गई बाइबल और दूसरी लिंकन बाइबल, जिस पर 1861 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने शपथ ली थी। दूसरी तरफ जेडी वैंस अपनी निजी बाइबल, जो कि उन्हें परनानी से मिली थी, इस्तेमाल करेंगे।
- हालांकि, राष्ट्रपति से पहले उपराष्ट्रपति के शपथ लेने का प्रावधान है। वह शपथ के दौरान जिस वक्तव्य को दोहराएंगे उसे 1884 से उपराष्ट्रपतियों के शपथ में इस्तेमाल किया जा रहा है। जेडी वैंस को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ब्रेट कैवेनॉ शपथ दिलाएंगे।
- इसके बाद ट्रंप शपथ लेंगे। उनके शपथ का समय भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे रखा गया है। परंपरा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस राष्ट्रपति को शपथ दिलाते हैं। इस बार यह जिम्मेदारी चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स निभाएंगे।
ट्रंप के पहले संबोधन पर रहेंगी दुनिया की निगाहें
शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप अपना पहला संबोधन देंगे। इसमें राष्ट्रपति मुख्यतः अपने अगले चार साल के कार्यकाल को लेकर लक्ष्यों की जानकारी देते हैं। चूंकि ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान कई देशों और क्षेत्रों, मसलन- ग्रीनलैंड, पनामा नहर, कनाडा और मैक्सिको की खाड़ी को लेकर कई बयान दे चुके हैं। ऐसे में इन देशों की नजर ट्रंप के पहले संबोधन पर खास तौर पर रहेगी।
इसके अलावा रूस-यूक्रेन संघर्ष, इस्राइल-हमास संघर्ष, ईरान, चीन-भारत से जुड़े व्यापार युद्ध, नाटो गठबंधन में आर्थिक दृढ़ता को लेकर भी ट्रंप बयान जारी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप अपने संबोधन में उन आदेशों को लेकर भी ब्योरा दे सकते हैं, जिन्हें वे आने वाले दिनों में लागू करने की कोशिश करेंगे या लागू कर देंगे।
2017 में जब ट्रंप ने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद पहला संबोधनद दिया था, तब अपने पूरे 17 मिनट के भाषण में उन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ का जिक्र किया था। हालांकि, इस बार उनका संबोधन कई मुद्दों पर केंद्रित हो सकता है। उनके संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रगान से शपथग्रहण समारोह का अंत होगा।
शपथग्रहण का कार्यक्रम होगा कहां?
शपथग्रहण का पूरा कार्यक्रम आमतौर पर अमेरिका की संसद की बिल्डिंग के बाहर ही आयोजित हो ता है। इसमें राष्ट्रपति को देखने के लिए आए लोग सामने की सड़क से लेकर नेशनल मॉल तक मौजूद रहते हैं। हालांकि, इस बार वॉशिंगटन डीसी में सोमवार के लिए मौसम का पूर्वानुमान काफी उत्साह बढ़ाने वाला नहीं है। बताया गया है कि तापमान माइनस 11 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। वहीं अधिकतम तापमान माइनस 5 डिग्री तक रहने की संभावना है। यानी जब ट्रंप और वैंस शपथ लेंगे, तब वॉशिंगटन में बर्फीला मौसम होगा। इसी के चलते ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एलान किया कि उन्होंने लोगों को चोट और अन्य तरह से घायल होने से बचाने के लिए शपथग्रहण की जगह बदलने का अनुरोध किया है।
अगर ट्रंप की यह मांग मान ली जाती है तो यह पहली बार नहीं होगा कि खराब मौसम की वजह से समारोह की जगह बदली जाए। 1985 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अनावरण समारोह को भी संसद बिल्डिंग के अंदर ही आयोजित किया गया था। इसके अलावा भीषण ठंड की वजह से पारंपरिक परेड को रद्द कर दिया गया था। इस बार भी वॉशिंगटन में भीषण सर्दी के बीच जब राष्ट्रपति का शपथग्रहण समारोह बंद कमरों में होगा, तब यह भी साफ नहीं है कि इस परेड का आयोजन किस तरह कराया जाएगा।
दोपहर से शाम तक चलेंगे ट्रंप के कार्यक्रम
शपथग्रहण के बाद डोनाल्ड ट्रंप इसके बाद राष्ट्रपति कमरे में जाएंगे, जो कि सीनेट चैंबर के पास ही मौजूद है। यहां वे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद वे संसद की संयुक्त समिति की तरफ से अनावरण समारोह के लिए रखे गए लंच में शिरकत करेंगे।
इस लंच के बाद एक औपचारिक परेड भी आयोजित की जाती है, जिसे 1789 में पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन के दौर में ही शुरू कर दिया गया था। तब जॉर्ज वॉशिंगटन के पीछे पीछे इस परेड में सैकड़ों लोग न्यूयॉर्क सिटी तक गए थे। 1809 में जेम्स मैडिसन के शपथ के बाद यह परेड परंपरा के तौर पर स्थापित हो गई। यह परेड संसद भवन (कैपिटल हिल) से पेंसिलवेनिया एवेन्यू स्थित व्हाइट हाउस तक जाएगी और इसमें अमेरिकी सेना, नौसेना, मरीन कोर, स्पेस फोर्स और कोस्ट गार्ड के जवान शामिल होंगे। इसके अलावा 23 राज्यों के 7500 से ज्यादा स्कूल और यूनिवर्सिटी के छात्र, पुलिसकर्मी और अन्य सेवाओं से जुड़े लोग भी परेड का हिस्सा बनेंगे।
ट्रंप के व्हाइट हाउस पहुंचने के बाद वे शाम को पूरे वॉशिंगटन में अलग-अलग जगहों पर उनके राष्ट्रपति बनने के जश्न में आयोजित किए जाने वाले कमांडर-इन-चीफ बॉल, लिबर्टी अनावरण बॉल और स्टारलाइट बॉल में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि वे तीनों ही समारोह में शामिल होंगे।
ट्रंप के शपथग्रहण में कौन-कौन पहुंचेगा?
- माना जा रहा है कि ट्रंप के शपथग्रहण में 2,00,000 से ज्यादा लोग जुट सकते हैं। इनमें ट्रंप के समर्थकों के अलावा उनके विरोधी पक्ष के जुटने का भी अनुमान है।
- इसके अलावा अमेरिका के कई सांसद (सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य) भी ट्रंप के शपथग्रहण में पहुंचेंगे। इसके अलावा ट्रंप प्रशासन में नामित सदस्य भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
- डोनाल्ड ट्रंप-जेडी वैंस के परिवारों के अलावा जो बाइडन अपनी पत्नी जिल बाइडन और कमला हैरिस अपने पति डग एम्हॉफ और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ समारोह में शिरकत करेंगे।
- पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रथम महिलाएं आमतौर पर मेहमानों की लिस्ट का हिस्सा होती हैं। हालांकि, बराक ओबामा की पत्नी मिशेल इस बार कार्यक्रम में नहीं आएंगी। मिशेल इससे पहले 2009 से लेकर अब तक सभी आधिकारिक कार्यक्रमों में बराक ओबामा के साथ नजर आई हैं। लेकिन पिछले दिनों वे पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की श्रद्धांजलि सभा में भी नहीं पहुंची थीं। बराक ओबामा के साथ पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनकी पत्नी लॉरा बुश भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगी।
- अरबपति टेक कारोबारियों में टेस्ला-स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क, अमेजन के मालिक जेफ बेजोस, मेटा के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के समारोह में पहुंचने की उम्मीद है। इतना ही नहीं टिकटॉक के सीईओ शू जी च्यू भी इस कार्यक्रम में पहुंच सकते हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को ही अमेरिका में टिकटॉक के कारोबार को बेचे जाने के कानून पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगी है।
- इस कार्यक्रम के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि, उनकी जगह उपराष्ट्रपति हान झेंग समारोह का हिस्सा बनेंगे। भारत की तरफ से इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर शिरकत करेंगे।