यूपी के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में अपार आईडी बनाने के काम में तेजी आई है। अभी तक 52 फीसदी छात्रों की अपार आईडी नहीं बन पाई है।
शिक्षा मंत्रालय की पहल पर प्रदेश में निजी व सरकारी विद्यालयों के छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी की गति बहुत धीमी है। प्रदेश के निजी ही नहीं सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। सरकारी स्कूलों में भी 52 फीसदी छात्रों की आईडी नहीं बनी है। अब इसके लिए दो दिन कैंप भी लगाया जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा अपार आईडी न बनाए जाने क दशा में वेतन रोकने की बात कही गई है।
प्रदेश में निजी व सरकारी विद्यालयों में छात्रों की अपार आईडी बनाने के लिए यूं तो काफी दिनों से कवायद चल रही है। किंतु जिला स्तरीय अधिकारी इसमें बहुत रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं कई तकनीकी दिक्क्त भी इसकी राह में बाधा बन रही है। शिक्षकों के अनुसार अपार आईडी बनाने में विद्यार्थियों के यू डायस, आधार कार्ड व विद्यायल का एसआर रजिस्टर पर उपलब्ध डाटा मैच नहीं कर रहा है।
इसके कारण अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रही है। जबकि पिछले दिनों विभाग की ओर से की गई समीक्षा में सामने आया है कि सरकारी विद्यालयों में बेसिक स्तर पर कई जिलों में 71 फीसदी तक छात्रों की अपार आईडी नहीं बनी है। वहीं माध्यमिक विद्यालयों की तो और खराब स्थिति है। यहां पर कई जिलों में 93 फीसदी तक छात्रों की आईडी नहीं बनी है।
ओवरआल बेसिक व माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में 52 फीसदी छात्रों की ही अपार आईडी बनी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर हर बृहस्पतिवार व शुक्रवार को अपार मेले का आयोजन कराते हुए इसमें गति लाने को कहा है। इसके साथ ही पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर समीक्षा करने की भी तिथि तय की है। इसके बाद से जिलों में डीआईओएस की ओर से सख्ती भी शुरू कर दी गई है।
बोर्ड परीक्षा तक अपार आईडी का काम रोकने की मांग
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने बोर्ड परीक्षा होने तक अपार आईडी बनाने के काम को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बोर्ड परीक्षा की तैयारियों, प्रयोगात्मक परीक्षा व पाठ्यक्रम पूरा करने में कठिनाई हो रही है। तकनीकी कठिनाइयों से अपार आईडी का काम पूरा न होने के कारण प्रदेश के कई जिलों में शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इससे शिक्षकों में काफी नाराजगी है।
उन्होंने कहा कि 23 फरवरी से यूपी बोर्ड परीक्षा है। एक फरवरी से प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू हो रही है। इस समय अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक अधूरा पाठ्यक्रम पूरा करने व परीक्षा की तैयारी में लगे है। अपार आईडी बनाने के दबाव से बोर्ड परीक्षा से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। डीआईओएस लगातार पत्र भेजकर प्रधानाचार्य व शिक्षकों के वेतन रोकने व मान्यता समाप्त करने की धमकी दे रहे हैं। इससे पूरे प्रदेश में आपाधापी मची हुई है।