प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले अयोध्या, चित्रकूट, रीवा, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़ समेत सभी रूटों पर 10-15 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा। पांच दिन बाद सोमवार सुबह जरूर स्थिति बदली। मेले में आए श्रद्धालुओं की वापसी अधिक हुई, आने वाले कम रहे।
पांच दिन से लगातार कई-कई किलोमीटर के भीषण जाम से त्रस्त श्रद्धालुओं को सोमवार को बड़ी राहत मिली। हाईवे पर ट्रैफिक की चाल सुस्त जरूर हुई, लेकिन घंटों जाम की नौबत नहीं दिखी। महाकुंभ आने वालों के मुकाबले लौटने वाले रास्तों पर अधिक वाहन दिखाई दिए।
प्रशासन ने शाम छह बजे तक 1.17 करोड़ लोगों के स्नान का दावा किया है, जबकि रविवार को यह आंकड़ा 1.57 करोड़ बताया गया था। वसंत पंचमी के स्नान (तीन फरवरी) के बाद प्रयाग आने वाले सभी मार्गों पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लगती आई है।
नौबत यह तक आई कि शनिवार-रविवार को संगमनगरी से सटे सभी जिलों और दूसरे राज्यों में भी वाहनों को डायवर्ट करना पड़ा था। 100-100 किलोमीटर कारें दौड़ाने के बावजूद श्रद्धालुओं को जाम से निजात नहीं मिल पाई। अयोध्या, चित्रकूट, रीवा, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़ समेत सभी रूटों पर 10-15 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा।
पांच दिन बाद सोमवार सुबह जरूर स्थिति बदली। मेले में आए श्रद्धालुओं की वापसी अधिक हुई, आने वाले कम रहे। कई जगह बाहर जाने वाले रास्तों पर कुछ देर का जाम लगा। नैनी, झूंसी, प्रतापगढ़, कानपुर, लखनऊ, रीवा समेत अन्य मार्गों पर वाहन धीरे-धीरे निकल पाए। श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने से बीच-बीच में बाहरी गाड़ियों को शहर में एंट्री भी दी गई। हालांकि, दबाव बढ़ने पर बीच-बीच में इसे रोका भी गया। प्रयागराज-चित्रकूट बॉर्डर (टक टई) में भी स्थिति सामान्य हो गई है। पहले यहां 40 किलोमीटर तक लंबा जाम लगा था।
शहर में यहां रहे जाम के हालात
बैरहना, सोहबतियाबाग, नए यमुना पुल, तिनकोनिया, अलोपीबाग चुंगी, सीएमपी डाट पुल, भरद्वाज चौराहा, फोर्ट रोड चौराहा, मेडिकल चौराहा, बालसन, दरभंगा कॉलोनी चौराहा, बांगड़ चौराहा, रामबाग, धूमनगंज, सुलेमसराय, तेलियरगंज आदि कई चौराहों पर जाम के हालात रहे। यहां वाहन धीरे-धीरे गुजर सके।
इस तरह रही व्यवस्था
लखनऊ-प्रयागराज मार्ग पर जाम की स्थिति नहीं रही, गाड़ियां धीरे-धीरे चलकर फाफामऊ तक पहुंचीं। कानपुर-प्रयागराज मार्ग पर बमरौली से गाड़ियां रुक-रुककर अंदर तक आई। बाहरी गाड़ियों को नेहरू पार्क में खड़ा कराया गया। वाराणसी-प्रयागराज मार्ग पर अंदावा तक गाड़ियां आईं। यहां पार्किंग भरने के बाद हंडिया में गाड़ियों को रोका गया। रीवा-प्रयागराज मार्ग पर नैनी तक गाड़ियां पहुंचीं। इसके बाद इन्हें सरस्वती हाईटेक के पास पार्क करवाया गया।
जाम लगने का मुख्य कारण
- निजी वाहनों का इस्तेमाल करना
- गलत दिशा से वाहन चलाना
- बैरिकेडिंग के बावजूद वाहन ले आना
- बेवजह जगह-जगह बैरिकेडिंग
- रोड किनारे वाहनों को पार्क करना
जाम में फंसी एंबुलेंस, अस्पताल में मासूम की मौत
नवाबगंज के मैडारा गांव निवासी इल्तजा खान का 10 माह के बेटे ओनहर खान की जाम में फंसने से रविवार रात मौत हो गई। मासूम को गंभीर हाल में लेकर परिजन अस्पताल के लिए चले, लेकिन उनकी एंबुलेंस करीब चार घंटे तक जाम में फंसी रही। रात करीब तीन बजे किसी तरह शहर के अस्पताल में आ सके। लेकिन, इलाज के दौरान ही कुछ देर में उसकी मौत हो गई। इल्तजा के मुताबिक, डॉक्टर का कहना था कि जल्दी आ पाते तो शायद बच्चे को बचाया जा सकता था।
जाम का सबसे बड़ा कारण गलत दिशा में गाड़ियों की आवाजाही है। इसे रोकने के लिए मोबाइल दस्ता लगाया गया है। इसके अलावा सोमवार को बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की कई गाड़ियों को शहर में इंट्री दी गई है। रविवार के मुकाबले सोमवार को स्थिति काफी हद तक सामान्य हुई है। नीरज पांडेय, पुलिस उपायुक्त, यातायात पुलिस
केस 1
दो घंटे की दूरी तय करने में लग रहे 12 घंटे
मुंबई की वर्तिका द्विवेदी निजी वाहन से सपरिवार शनिवार की देर शाम चित्रकूट पहुंचीं। जाम में फंसने के कारण वह सोमवार सुबह में पहुंच पाई। मेले में आने के लिए उन्हें पैदल भी चलना पड़ा। वर्तिका ने कहा, इतना जाम जिंदगी में पहली बार देखा है। भूख, प्यास से पूरा परिवार तड़प गया। सड़क पर पानी तक नहीं मिल सका।
केस 2
देवरिया से सुनील सिंह अपनी गाड़ी से वाराणसी होकर शनिवार की रात में चले। सराय इनायतपुर के पास आठ घंटे जाम में फंसे रहे। बकौल सुनील, जाम में फंसने की वजह से दो-तीन लोगों की गाड़ियों का तेल खत्म हो गया। इससे दिक्कत घटने के बजाय और बढ़ गई। वाराणसी से प्रयागराज आने में उन्हें 12 घंटे लग गए।
कानपुर की ओर से आने वाले वाहन कौशाम्बी में लगा रहे जाम
कानपुर की ओर से आने वाले वाहन कौशाम्बी पहुंच रहे। यहां सोमवार को भी दो किमी की दूरी तय करने में तीन घंटे तक का समय लगा। अजुहा, सैनी क्षेत्र और कोखराज कोतवाली से टोल प्लाजा और सकाढ़ा तिराहे तक जाम लगा रहा। दोपहर में प्रयागराज जाने वाले वाहनों को कोखराज टोल प्लाजा की तरफ मोड़ दिया। जाम के कारण मंझनपुर डिपो से प्रयागराज के बीच चल रहीं 34 बसें 20-20 घंटे में पहुंच पा रही हैं।