महिला वर्ग में पारदर्शिता लाने के लिए विश्व एथलेटिक्स 1990 में बंद कर दिए गए उस क्रोमोसोम टेस्ट को भी लाने की तैयारी कर रहा है, जिससे महिला में वाई क्रोमोसोम (पुरुष क्रोमोसोम) के होने का पता लग जाएगा।
विश्व एथलेटिक्स ने एथलेटिक्स की महिला इवेंट में ट्रांसजेंडर और पुरुषत्व के लक्षण वाले एथलीटों की भागीदारी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की तैयारी कर ली है। विश्व एथलेटिक्स ऐसे नियम लाने जा रहा है, जिससे महिला वर्ग में ट्रांसजेंडर एथलीट, लिंग विकास में अंतर (डीएसडी) वाली महिला एथलीट और पुरुष से महिला में परिवर्तित हुए एथलीटों के महिला वर्ग में खेलने पर पूरी तरह पाबंदी लग जाएगी।
महिला वर्ग में पारदर्शिता लाने के लिए विश्व एथलेटिक्स 1990 में बंद कर दिए गए उस क्रोमोसोम टेस्ट को भी लाने की तैयारी कर रहा है, जिससे महिला में वाई क्रोमोसोम (पुरुष क्रोमोसोम) के होने का पता लग जाएगा। इस टेस्ट में महिला एथलीट के गाल के स्वैब का सैंपल लिया जाएगा या फिर उसके सूखे हुए खून का परीक्षण होगा। टेस्ट में महिला में वाई क्रोमोसोम यानि कि पुरुषत्व के लक्षण पाए जाने पर उसके महिला वर्ग में खेलने पर पाबंदी लग जाएगी। यानि की ओलंपिक पदक विजेता दक्षिण अफ्रीका की डीएसडी एथलीट कास्टर सेमेन्या जैसी एथलीट आगे से महिला वर्ग में नहीं खेल पाएंगी।
कई नामी एथलीट होंगे प्रभावित
विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष पूर्व ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटिश एथलीट सेबेस्टियन को ने नियमों को 2023 में कड़ा करते हुए पुरुष से महिला बने एथलीटों के महिला वर्ग में खेलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी, लेकिन अब इन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की तैयारी कर ली गई है। को ने तब कहा था कि महिला वर्ग में इस तरह के एथलीटों के खेलने पर पाबंदी लगने से दुनिया के लगभग 13 नामी एथलीट प्रभावित होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शायद अब यह संख्या थोड़ी कम हो गई हो।
सेमेन्या के मामले से समझें नियम
कास्टर सेमेन्या ऐसी ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एथलीट हैं, जो पैदा तो महिला के रूप में हुईं, लेकिन उनमें पुरुषत्व हार्मोन टेस्टोस्टोरान पुरुष के बराबर या उसके नजदीक पाया गया। उन्हें लिंग विकास में अंतर यानि डीएसडी की श्रेणी में रखते हुए उनकी पसंदीदा 800 मीटर दौड़ में भाग लेने से रोक दिया गया। सेमेन्या इसके खिलाफ खेल पंचाट भी गई थीं, लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिली। हालांकि यूरोपियन मानवाधिकार ने फैसले में कहा, नियमों के चलते सेमेन्या को भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन इससे खेल पंचाट का फैसला नहीं बदला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी महिला वर्ग में ट्रांसजेंडरों की भागीदारी के पक्ष में नहीं है। इसके बाद ही विश्व एथलेटिक्स ने ऐसे एथलीटों की महिला वर्ग में पूरी तरह पाबंदी लगा दी। सूत्र बताते हैं कि इस नियम के लागू होने से भारत भी प्रभावित हो सकता है।