अच्छी खबर…एक इंजेक्शन लगाइए, ब्लड प्रेशर का तनाव एक माह भूल जाइए; रोगियों के लिए संजीवनी का काम करेगा

अच्छी खबर…एक इंजेक्शन लगाइए, ब्लड प्रेशर का तनाव एक माह भूल जाइए; रोगियों के लिए संजीवनी का काम करेगा

ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। 60 साल की उम्र में होने वाला यह रोग अब 30 साल के युवाओं को हो रहा है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए अभी एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (ऐस) इनहिबिटर टेबलेट दी जाती हैं। ऐसे में इंसुलिन की तरह दिया जाने वाला इंजेक्शन ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए संजीवनी का काम करेगा।

तीन दवाएं खाने के बाद भी जिन रोगियों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं होता है, उनके लिए अच्छी खबर है। उन्हें सिर्फ एक इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा और उनका ब्लड प्रेशर पूरे महीने सामान्य रहेगा। दवा के असर से ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाला जीन निष्क्रिय हो जाएगा। 

कार्डियोलॉजी में इसे 25 रोगियों पर आजमाया गया। इस इंजेक्शन के दूसरे फेज के ट्रायल के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले आए हैं। रोगियों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित हुआ और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। दवा का ट्रायल विश्व स्तर पर चल रहा है।

ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। 60 साल की उम्र में होने वाला यह रोग अब 30 साल के युवाओं को हो रहा है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए अभी एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (ऐस) इनहिबिटर टेबलेट दी जाती हैं।

इनका साइड इफेक्ट भी होता है। ऐसे में इंसुलिन की तरह दिया जाने वाला इंजेक्शन ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए संजीवनी का काम करेगा। उन्हें महीने में एक बार दवा लेनी पड़ेगी। पहले फेज के पूरा होने के बाद अब दूसरे फेज का ट्रायल चल रहा है।

ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि दूसरे फेज में 1500 रोगियों को शामिल किया गया है। 25 रोगियों पर कार्डियोलॉजी में ट्रायल हो रहा है। इसके छह महीने पूरे हुए हैं। इसमें 40 से 60 वर्ष आयु वर्ग के रोगियों को लिया गया। दवा लेने के बावजूद रोगियों का ब्लड प्रेशर 140-90 रहता था।

एक डोज से पूरे महीने निष्क्रिय रहेगा ब्लड प्रेशर
अब इंजेक्शन देने के बाद इनका बीपी 120-80 रहने लगा। कानपुर के अलावा एम्स दिल्ली तथा केजीएमयू और एसजीपीजीआई लखनऊ को ट्रायल में शामिल किया गया है। यह दवा जीन पर काम करती है। एक डोज से ब्लड प्रेशर वाला जीन ऐस पूरे महीने निष्क्रिय रहता है।

रोगी को नहीं खानी पड़ती दवा
इससे बीपी नहीं बढ़ता। इससे रोगी को दवा नहीं खानी पड़ती। इस शोध पर 8-9 फरवरी को ओरछा में हुई हृदय रोग विशेषज्ञों की कॉन्फ्रेंस कॉर्डियोकॉन में भी विस्तृत चर्चा हुई है।

ऐसे नियंत्रित होता है ब्लड प्रेशर
एडिनो वायरस में ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले जीन ऐस की आर्टिफिशियल प्रति लगा दी जाती है। इसे शरीर में डाल दिया जाता है। एडिनो वायरस अंदर जाकर जेनेटिक मैटेरियल में मिल जाता है। असली ऐस जीन के स्थान पर आर्टिफिशियल जीन स्थापित हो जाता है। असली जीन निष्क्रिय हो जाता है। इससे ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता।

इसलिए बढ़ता है बीपी
ऐस जीन गुर्दों में जाकर प्रतिक्रिया करता है। शरीर पानी और नमक सोखने लेता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

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