UPPSC RO/ARO: एक साल बाद भी आरओ/एआरओ परीक्षा पर नहीं हो सका कोई निर्णय; पेपर लीक के कारण हुई थी निरस्त

UPPSC RO/ARO: एक साल बाद भी आरओ/एआरओ परीक्षा पर नहीं हो सका कोई निर्णय; पेपर लीक के कारण हुई थी निरस्त

समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 पिछले साल 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। इस भर्ती के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग के इतिहास में किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।

परीक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा एक साल से लंबित पड़ी है और आयोग अब तक यह तय नहीं कर सका कि पेपर लीक के कारण निरस्त की गई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा (RO/ARO Preliminary Exam) दोबारा कब कराई जाएगी।

समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 पिछले साल 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग के इतिहास में किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।

पेपर लीक के चलते रद्द हुई थी परीक्षा
प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में हुई प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पेपर लीक हो गया था। इसके विरोध में अभ्यर्थियों ने व्यापक स्तर पर आंदोलन किया था, जिसके बाद आयोग को प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया था कि पुनर्परीक्षा पर जल्द ही कोई निर्णय लेकर नई तिथि घोषित की जाएगी।

प्रश्नपत्र लीक होने के बाद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के प्रारूप में भी परिवर्तन कर दिया था और दो पालियों में होने वाली सामान्य अध्ययन व सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्रों की परीक्षाएं एक ही पाली में कराने का निर्णय लिया था। इसके बाद आयोग ने दिसंबर 2024 में प्रारंभिक परीक्षा प्रस्तावित की लेकिन केंद्र निर्धारण की नीति में बदलाव के कारण आयोग को पर्याप्त संख्या में एक ही दिन में परीक्षा कराने के लिए केंद्र नहीं मिल सके।

पुनर्परीक्षा की तिथि निर्धारित नहीं
इस पर आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने का निर्णय लिया, जिसका विरोध हुआ और आयोग के बाहर कई दिनों तक अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया। इसके बाद आयोग ने परीक्षा पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी के गठन को दो माह से अधिक समय बीत चुका है। परीक्षा को भी एक साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अब तक न तो परीक्षा का प्रारूप तय हो सका और न ही पुनर्परीक्षा की तिथि निर्धारित की जा सकी।

अभ्यर्थियों को पुनर्परीक्षा का इंतजार
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि पुनर्परीक्षा के इंतजार में एक साल बीत चुके हैं और कोई निर्णय न होने अभ्यर्थी उहापोह की स्थिति में हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक होने के कारण निरस्त हुई थी लेकिन वह दोबारा आयोजित करा ली गई। आयोग को भी आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 की नई तिथि जल्द घोषित करनी चाहिए।

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