ख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर रहे हैं। सीएम सुक्खू बजट पेश करने के लिए ऑल्टो कार खुद चलाकर विधानसभा पहुंचे।
सीएम ने कहा कि कृषि-बागवानी क्षेत्र में कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने के पक्ष में है। वनों का संरक्षण करना होगा। सरकार 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करेगी। ई-बसों को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकारी विभागों में भी ई-गाड़ियों को शामिल किया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सृदृढ़ किया जाएगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहली बार एमएसपी की घोषणा की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।
‘प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत बढ़ोतरी’
सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार से 76,185 करोड़ रुपये का लोन वर्तमान सरकार को विरासत में मिला। इसके चलते बड़ी राशि इसके ब्याज को चुकाने में चली गई। कृषि व संबंद्ध क्षेत्र में 3.38 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
राजस्व में हुई बढ़ोतरी: सीएम
सीएम ने कहा कि बिजली पर दी जाने वाली सब्सिडी का भी युक्तिकरण किया गया है। आबकारी नीति में बदलाव से वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व में 300 करोड़ की वृद्धि होने की संभावना है। उपकर के माध्यम से भी आय बढ़ाने का प्रयास किया। शराब पर उपकर से अतिरिक्त आय प्राप्त की।
राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 हजार करोड़ का राहत पैकेज दिया
वर्ष 2023 में मानसून में प्रदेश को भारी तबाही का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 हजार करोड़ का आपदा राहत पैकेज दिया। आशा है कि केंद्र सरकार भी आपदा राहत राशि प्रदेश को शीघ्र जारी करेगी।
सीएम ने शेर पढ़कर शुरू किया बजट भाषण
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश कर रहे हैं। सीएम अपनी आल्टो कार को खुद चलाकर विधानसभा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने शेर पढ़कर बजट भाषण की शुरूआत की। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बजट अनुमानों की शुरुआत में शेर पढ़ा कि न गिराया किसी को, कभी न किसी को उछाला, जहां आप पहुंचे छलांगें लगा-लगाकर, मैं भी वहां पहुंचा धीरे-धीरे।
पर्यटन स्थलों का हो प्रचार-प्रसार, तभी कारोबार पकड़ेगा रफ्तार
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए पर्यटन कारोबारी बजट में प्रचार-प्रसार के लिए अलग से बजट प्रावधान की व्यवस्था चाहते हैं। पर्यटन कारोबारियों का मनाना है कि देश के अन्य पर्यटन राज्यों के मुकाबले हिमाचल अपने पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार में पिछड़ा है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचार के लिए विशेष नीति की भी मांग उठाई जा रही है। पड़ोसी राज्यों कश्मीर और उत्तराखंड ने पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल माध्यम अपनाए हैं। डिजिटल मीडिया पर पर्यटन स्थलों को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।