सुप्रीम कोर्ट ने कहा : हजारों लोग कराह रहे हैं, दिल्ली-एनसीआर में बिल्डर-बैंक गठजोड़ की कराएंगे सीबीआई जांच

सुप्रीम कोर्ट ने कहा : हजारों लोग कराह रहे हैं, दिल्ली-एनसीआर में बिल्डर-बैंक गठजोड़ की कराएंगे सीबीआई जांच

कोर्ट ने घर खरीदारों और निवेशकों की मेहनत की गाढ़ी कमाई ठगने वाले बिल्डरों व बैंकों के गठजोड़ की जांच करने के लिए सीबीआई से रोडमैप तलब किया है।

दिल्ली-एनसीआर के बिल्डरों और बैंकों के बीच गठजोड़ के कारण मझधार में फंसे हजारों फ्लैट खरीदारों के दर्द पर सुप्रीम कोर्ट ने मरहम लगाया है। कोर्ट ने घर खरीदारों और निवेशकों की मेहनत की गाढ़ी कमाई ठगने वाले बिल्डरों व बैंकों के गठजोड़ की जांच करने के लिए सीबीआई से रोडमैप तलब किया है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा, हम मामले की जड़ तक जाएंगे। दोषी धरती पर कहीं भी छिपे हों, उन्हें ढूंढ़ निकाला जाएगा। साथ ही, अदालत की सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव जैन को न्यायमित्र भी नियुक्त किया। पीठ ने जैन से संक्षिप्त नोट दाखिल करने का आग्रह किया कि मामले को आगे कैसे बढ़ाया जाए।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हम किसी भी संस्थान को बुरा या अच्छा नहीं कह रहे हैं। हम निश्चित रूप से सीबीआई जांच कराएंगे, यह स्पष्ट है। हजारों लोग रो रहे हैं। हम आंसू नहीं पोछ सकते, पर उनके मुद्दों को संबोधित कर सकते हैं। समयबद्ध तरीके से कुछ बहुत प्रभावी किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, लाखों लोग घर के लिए कराह रहे हैं। बड़ा तबका इससे पीड़ित है।

हम इसकी जड़ तक जाएंगे। हमारी शून्य सहनशीलता है। ऐसे मामलों की जांच सीबीआई को देंगे। पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह आला अधिकारियों के साथ चर्चा करें और बताएं कि उन मुद्दों पर जांच कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, जिनका जिक्र कोर्ट के 4 मार्च के आदेश और उससे पहले किया गया है।

कब्जा मिले बिना ईएमआई देने के लिए बाध्य कर रहे बैंक
पीठ एनसीआर में घर खरीदने वालों की शिकायतों पर विचार कर रही थी। खरीदारों ने दावा किया है कि बिल्डरों या डेवलपर की ओर से देरी के कारण उन्हें फ्लैट का कब्जा मिले बिना ही ईएमआई का भुगतान करने के लिए बैंक मजबूर कर रहे हैं। शीर्ष अदालत अपने पहले के आदेश में बैंकों को ईएमआई वसूलने से रोक चुकी है।

पीठ ने कहा, सीबीआई का रोडमैप दो सप्ताह में हमारे समक्ष रखा जाए…
एजेंसी की ओर से पेश एएसजी ने रोडमैप तय समय में पेश करने का आश्वासन दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर और बैंकों के गठजोड़ की इस जांच को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर संचालित किया जा सकता है।

कोर्ट सीधे दे सकता है जांच के आदेश : भाटी
एएसजी भाटी :
 यदि न्यायालय चाहे, तो सीधे सीबीआई जांच का निर्देश दे सकता है। मैंने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ सीबीआई अधिकारियों से भी चर्चा की है। शीर्ष कोर्ट ग्रेटर नोएडा की एक या दो परियोजनाओं के साथ जांच शुरू करने की अनुमति दे सकता है। यही वह जगह है, जहां समस्या मूल रूप से है। 

जस्टिस सूर्यकांत : आपके पास विशेषज्ञ टीम है। सभी मामले केवल आर्थिक अपराधों से जुड़े हैं। इसलिए सीबीआई दो सप्ताह में एक प्रस्ताव पेश करे कि गड़बड़ी वास्तव को कैसे सुलझाया जा सकता है। इसके बाद सीबीआई को सहायता की जो भी आवश्यकता होगी, कोर्ट दे सकता है।

administrator

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *