‘बोलने की आजादी लोकतंत्र का अभिन्न अंग’, भड़काऊ गाने के मामले में इमरान प्रतापगढ़ी पर दर्ज FIR रद्द

‘बोलने की आजादी लोकतंत्र का अभिन्न अंग’, भड़काऊ गाने के मामले में इमरान प्रतापगढ़ी पर दर्ज FIR रद्द

कांग्रेस नेता ने गुजरात हाईकोर्ट के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। 

सुप्रीम कोर्ट ने ‘भड़काऊ’ गाने के मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। ऐसे ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी अदालत का कर्तव्य है कि संविधान और संविधान के आदर्शों का उल्लंघन न हो। कोर्ट ने कहा कि कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य, कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को अधिक सार्थक बनाता है। पुलिस को लोगों की बुनियादी अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

‘सेहतमंद समाज में बोलने की आजादी का सम्मान होना चाहिए’
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि भले ही बड़ी संख्या में लोग किसी दूसरे के विचारों को पसंद न करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और उसकी रक्षा की जानी चाहिए। सेहतमंद समाज में बोलने की आजादी का सम्मान होना चाहिए।

यहां विस्तार से पढ़िए सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विचारों और दृष्टिकोणों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत गरिमापूर्ण जीवन जीना असंभव है। एक स्वस्थ लोकतंत्र में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का विरोध दूसरे दृष्टिकोण को व्यक्त करके किया जाना चाहिए। भले ही बड़ी संख्या में लोग दूसरे द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन व्यक्ति के विचार व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य, कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को अधिक सार्थक बनाता है।

भड़काऊ गीत गाने के लिए मामला दर्ज
इससे पहले 3 जनवरी को प्रतापगढ़ी पर जामनगर में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कथित भड़काऊ गीत गाने के लिए मामला दर्ज किया गया था। कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतापगढ़ी पर अन्य धाराओं के अलावा भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर नफरत को बढ़ावा देना) और 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक दावे) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

क्या है मामला?
इमरान प्रतापगढ़ी की ओर से ‘एक्स’ पर अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे, तो उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं और एक गाना बज रहा था। इसे लेकर एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि इसके बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे।

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