म्यांमार-थाईलैंड में मची तबाही के बीच ताइवान में कांपी धरती, भूकंप के तेज झटकों से दहशत में लोग

म्यांमार-थाईलैंड में मची तबाही के बीच ताइवान में कांपी धरती, भूकंप के तेज झटकों से दहशत में लोग

ताइवान में भूकंप से पहले नेपाल में 4 अप्रैल को भूकंप के दो झटके लगे थे। इसका असर उत्तर भारत में भी महसूस हुआ था। पहला झटका 5.2 और दूसरा 5.5 तीव्रता का बताया गया। इससे पहले म्यांमार मं 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने जमकर तबाही मचाई थी।

ताइवान में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे राजधानी में अलार्म बजने लगे। केंद्रीय मौसम विभाग ने भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी। गनीमत रहे कि ताइपे में भूकंप के झटके कुछ सेकंड तक ही रहे। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, 5.0 तीव्रता का भूकंप यिलान के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में पूर्वोत्तर तट पर लगभग 21 किलोमीटर (12 मील) की दूरी पर आया। इसका केंद्र जमीन की सतह से 69 किलोमीटर (43 मील) गहराई में था।

ताइवान में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे राजधानी में अलार्म बजने लगे। केंद्रीय मौसम विभाग ने भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी। गनीमत रहे कि ताइपे में भूकंप के झटके कुछ सेकंड तक ही रहे। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, 5.0 तीव्रता का भूकंप यिलान के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में पूर्वोत्तर तट पर लगभग 21 किलोमीटर (12 मील) की दूरी पर आया। इसका केंद्र जमीन की सतह से 69 किलोमीटर (43 मील) गहराई में था।

सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने सोमवार देर रात बताया था कि कि भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,600 तक पहुंच गई है, जिसमें 5,017 लोग घायल हैं। 160 अब भी लापता हैं। बचाव अभियान में 20 देशों के 1,738 कर्मचारी हमारी मदद कर रहे थे। उन्होंने 653 जीवित बचे लोगों को खोजने और निकालने में मदद की। हालांकि, अब सभी को वापस भेज दिया गया है।

भूकंप के दौरान क्या करें
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।

यदि आप घर के अंदर हों

  • आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाएं, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें या तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं।
  • यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
  • किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर, किसी कमरे के कोने में, किसी मेज या यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं।
  • सीसे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें।

यदि आप घर के बाहर हों

  • यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। इसके साथ ही बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें।
  • यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।  

यदि किसी चलते वाहन में हों

  • जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली/टेलीफोन आदि की तारों के पास या नीचे रुकने से बचें।
  • सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।

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