राष्ट्रीय राजधानी को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा। इसके लिए भाजपा की दिल्ली सरकार ढांचागत विकास की परियोजनाओं पर जोरो से काम करेगी।
बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह दिल्ली को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता और जल आपूर्ति के साथ-साथ ट्रैफिक प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई है। विशेष रूप से कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं जो पिछले कुछ वर्षों से ठंडे बस्ते में थीं। अब इस बजट के माध्यम से गति प्राप्त करेंगी। आप सरकार के कार्यकाल के दौरान जाम से राहत दिलाने वाली बड़ी परियोजनाओं से फंड की कमी से हाथ खींच लिए गए थे। इन परियोजनाओं को अब रफ्तार मिलेगी। साथ ही, निर्माणाधीन परियोजनाएं भी हैं जो फंड की कमी के कारण प्रभावित हैं।
इसमें 24 अस्पतालों से जुड़ी परियोजनाएं भी हैं। बजट में दिल्ली सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सेंट्रल रोड फंड व शहरी विकास मंत्रालय के तहत एनसीआर की कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 1000 करोड़, सड़क व पुल अवसंरचना के सुधार के लिए 3843 करोड़, योजना विभाग के अंतर्गत नई योजना शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री विकास निधि के लिए 1400 करोड़ व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार से वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए योजना विभाग के तहत 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है।
इन योजनाओं पर शुरू होगा काम
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर : कॉरिडोर की लंबाई 20 किलोमीटर है। यह आनंद विहार से जखीरा फ्लाईओवर तक बनेगा। पूर्वी दिल्ली काे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को जोड़ने के कारण यह योजना अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। योजना के तहत आनंद विहार बस अड्डे से रेलवे लाइन के साथ-साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक एलिवेटेड कॉरिडाेर बनेगा, जिसमें जरूरत के हिसाब से उतरने और चढ़ने के लिए रैंप भी दिए जाएंगे।
नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर : सिग्नल फ्री नार्थ-साउथ कॉरिडोर की लंबाई 19 किलोमीटर है। इसे जखीरा से द्वारका सेक्टर-23 के पास अर्बन एक्सटेंशन रोड-दो तक बनाया जाएगा। यह योजना दिल्ली को जाम से मुक्ति दिलाने वाली महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल है। यह उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। पूर्व की सरकार ने इस पर काम शुरू नहीं किया।
सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक हाईवे : रिंग रोड पर वाहनों के दबाव को कम करने के लिए इस परियोजना को डबल डेकर फ्लाईओवर के साथ डिजाइन किया गया है। ऊपरी हिस्से में तेज रफ्तार बड़े वाहन चलेंगे, जबकि निचले हिस्से में छोटे वाहन व साइकिलों के लिए जगह होगी। यह परियोजना कश्मीरी गेट, मजनू का टीला व मैटकाफ हाउस जैसे इलाकों में जाम को कम करने में मदद करेगी।
अरबिंदो मार्ग पर फ्लाईओवर (आईआईटी से महरौली) : योजना के तहत अरबिंदो मार्ग पर आईआईटी के पास रिंग रोड फ्लाईओवर के नीचे अंडरपास बनेगा। फ्लाईओवर के नीचे लालबत्ती हटाने के लिए यह करीब 400 मीटर लंबा छह लेन का अंडरपास होगा। इससे करीब 200 मीटर की दूरी पर मदर इंटरनेशनल स्कूल से पौने तीन किलोमीटर लंबा कॉरिडोर शुरू होगा।