न्यूनतम बस किराया 5 से बढ़ाकर 10 रुपये करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का चौतरफा विरोध होने के बाद सरकार अब राहत देने की तैयारी कर रही है। न्यूनतम बस किराया 5 से बढ़ाकर 10 रुपये करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का चौतरफा विरोध होने के बाद सरकार अब राहत देने की तैयारी कर रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ मंत्री न्यूनतम बस किराया दोगुना करने के पक्ष में नहीं थे। बस किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दूसरी बार मंत्रिमंडल की बैठक में लाया गया था, इसलिए इस पर फैसला ले लिया गया। इस फैसले का चारों ओर विरोध हो रहा है। अब सरकार बीच का रास्ता निकालने पर विचार कर रही है। यानी किराया भी बढ़ जाए और लोगों पर बोझ भी कम पड़े।
न्यूनतम बस किराया दोगुना होने का सबसे अधिक बोझ छोटा सफर करने वालों पर पड़ने जा रहा है। एक या दो किलोमीटर का सफर करने पर भी लोगों को 10 रुपये किराया चुकाना होगा। भाजपा भी इसे मुद्दा बना रही है। माकपा ने भी इसका विरोध किया है।
ऐसे में सरकार छोटी दूरी का सफर करने वालों को राहत देने के लिए न्यूनतम बस किराये के दो स्लैब बनाने पर विचार कर रही है। यानी नए स्लैब के प्रारूप के अनुसार 2 से 4 किलोमीटर तक दूरी के सफर पर ही न्यूनतम किराया 10 रुपये चुकाना होगा।
एचआरटीसी बीओडी ने न्यूनतम बस किराया 5 से 10 रुपये तय करने का प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा था। मंत्रिमंडल में इस पर चर्चा हुई है। अब सरकार न्यूनतम किराये में कुछ राहत देने पर विचार कर रही है।– अजय वर्मा, उपाध्यक्ष, हिमाचल पथ परिवहन निगम