Tech Funding: 2025 की पहली तिमाही में भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने 2.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई, जिससे भारत दुनिया में तीसरा सबसे अधिक फंडिंग पाने वाला देश बना। हालांकि, इस दौरान कोई नया यूनिकॉर्न स्टार्टअप नहीं बना, लेकिन बड़े स्टार्टअप्स को 1.8 अरब डॉलर की भारी फंडिंग मिली।
देश की प्रौद्योगिकी (टेक) स्टार्टअप कंपनियों ने 2025 की पहली तिमाही में 2.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है। यह पिछली तिमाही की तुलना में 13.64 फीसदी और सालाना आधार पर 8.7 फीसदी अधिक है। भारत इस उपलब्धि के साथ अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरा सबसे अधिक फंडिंग पाने वाला देश बन गया है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में फंडिंग जुटाने में वाहन प्रौद्योगिकी, इंटरप्राइजेज एप्लीकेशंस और खुदरा क्षेत्र के स्टार्टअप सबसे आगे रहे।
बड़े स्टार्टअप की फंडिंग में उछाल
- बड़े स्टार्टअप को 2025 की पहली तिमाही में 1.8 अरब डॉलर की फंडिंग मिली, जो तिमाही और सालाना आधार पर क्रमश: 38.46 फीसदी एवं 114.54 फीसदी अधिक है।
- सीड स्टार्टअप की फंडिंग तिमाही आधार पर 23.79 फीसदी घटकर 15.7 करोड़ डॉलर रह गई। 2024 की पहली तिमाही से यह 55.77 फीसदी कम है।
- शुरुआती चरण वाले स्टार्टअप की फंडिंग में क्रमश: 23.7 फीसदी और 52 फीसदी की गिरावट आई है।
नहीं बने एक भी यूनिकॉर्न
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली तिमाही में देश में एक भी स्टार्टअप यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाला स्टार्टअप) नहीं बन पाया। 2024 की समान तिमाही में दो यूनिकॉर्न बने थे।
रिपोर्ट की अन्य खास बातें
- तिमाही में मिली 2.5 अरब डॉलर की फंडिंग में दिल्ली के टेक स्टार्टअप की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। बंगलूरू 21.64 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
- इस दौरान 38 अधिग्रहण हुए, जो पिछली तिमाही की तुलना में 15.15 फीसदी और सालाना आधार पर 40.74 फीसदी अधिक है।
- न्यूक्लियस, मैक्सवोल्ट एनर्जी और हर्षिल एग्रोटेक समेत छह स्टार्टअप कंपनियों ने आईपीओ के जरिये शेयर बाजार में कदम रखा।