आखिरी 200 मीटर का पानी-कीचड़ बना बचाव अभियान में बाधा, मंत्री बोले- स्थिति गंभीर

आखिरी 200 मीटर का पानी-कीचड़ बना बचाव अभियान में बाधा, मंत्री बोले- स्थिति गंभीर

सरकार की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, बचाव दल के सुंरग के अंदर फंसे  लोगों के नजदीक पहुंच गये हैं। लेकिन अभी तक अंदर फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका है। तेलंगाना सरकार के अधिकारियों के मुताबिक,  सुरंग में पानी का रिसाव एक ‘बड़ी समस्या’ बना हुआ है।

तेलंगाना में शनिवार को श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढह जाने से करीब 14 किलोमीटर अंदर आठ लोग फंस गए हैं। तेलंगाना सरकार, सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और देश के कई सुरंग विशेषज्ञों के साथ मिलकर उन आठ लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। 

सरकार की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, बचाव दल के सुंरग के अंदर फंसे  लोगों के नजदीक पहुंच गये हैं। लेकिन अभी तक अंदर फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका है। तेलंगाना सरकार के अधिकारियों के मुताबिक,  सुरंग में पानी का रिसाव एक ‘बड़ी समस्या’ बना हुआ है, इसलिए बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही हैं। 

अधिकारियों ने कहा, सुरंग में लगातार पानी निकालने और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की व्यवस्था की गई है। बचाव दल सुरंग में गीली मिट्टी को हटाने में जुटे हुए हैं और दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्गों की जाँच कर रहे हैं। तेलंगाना के मंत्री जे.कृष्णा राव ने कहा कि सुरंग में काफी मलबा जमा हो चुका है, जिससे अंदर चलना मुश्किल हो गया है। रेस्क्यू टीम उसमें से निकलने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि जब सुरंग ढही, तब लगभग 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे और उनमें से अधिकतर बच निकलने में सफल रहे।

200 मीटर का बचा हिस्सा बना चुनौती
उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कह सकते, हमें उम्मीद है, लेकिन जिस तरह की घटना हुई वह बहुत गंभीर थी। उन्होंने कहा कि अंदर फंसे लोगों के बचने की संभावनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं। एक सुरंग खोदने वाली मशीन के चालक का कहना है कि हमारा मिशन लगभग 200 मीटर का बचा हुआ है। जल निकासी का काम चल रहा है। अभी यह बहुत कठिन है। जल निकासी के बाद हम आगे की खुदाई शुरू करेंगे। बचाव कार्य में चार एनडीआरएफ टीमें (हैदराबाद से एक, विजयवाड़ा से तीन), सेना के 24 जवान, एसडीआरएफ कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य और अन्य एजेंसियां लगी हुई हैं। 

सुरंग में फंसे आठ में से चार मजदूर झारखंड के हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि वह स्थिति पर ‘बारीकी से नजर’ रख रहे हैं। अंसारी ने कहा, “मैं वहां (तेलंगाना में) सचिव के साथ लगातार संपर्क में हूं। सीएम हेमंत सोरेन ने तेलंगाना के सीएम से बात की है। जानकारी के अनुसार झारखंड के चार से पांच मजदूर फंसे हुए हैं। मैं स्थिति पर नजर रख रहा हूं।

किस राज्य के कितने लोग फंसे हैं?
सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों में उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार (प्रोजेक्ट इंजीनियर), उत्तर प्रदेश के श्रीनिवास (फील्ड इंजीनियर), झारखंड के संदीप साहू (श्रमिक), झारखंड के जातक (श्रमिक), झारखंड के संतोष साहू (श्रमिक), झारखंड के अनुज साहू (श्रमिक), जम्मू और कश्मीर के सनी सिंह (श्रमिक) और पंजाब के गुरप्रीत सिंह (श्रमिक) शामिल हैं।

मलवा हटने के बाद ही शुरू हो पाएगा बचाव कार्य
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कल रात एक टीम सुरंग के अंदर गई थी। वहां बहुत सारा मलबा है और टीबीएम भी क्षतिग्रस्त है और उसके हिस्से अंदर बिखरे पड़े हैं। उन्होंने कहा, 13.5 किलोमीटर के बिंदु से ठीक पहले दो किलोमीटर पर जलभराव है। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और इस कारण हमारे भारी उपकरण अंतिम बिंदु तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जल निकासी का काम पूरा करना होगा, जिससे उपकरण आगे तक पहुंच सकें। इसके बाद ही मलबा हटाने का काम शुरू हो सकता है। 

administrator

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *