Grok AI भी अन्य एआई टूल जैसे गूगल जेमिनी, माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट और ओपनएआई चैटजीपीटी की तरह ही है लेकिन यह अचानक से इतना लोकप्रिय हो गया है कि इसकी चर्चा हर जगह हो रही है, खासकर भारत में। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि Grok AI की लोकप्रियता की असल वजह क्या है?
एलन मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कंपनी एक्स एआई ने अपने पहले एआई टूल Grok को 2023 में लॉन्च किया। पिछले साल Grok AI को एक चैटटूल के तौर पर लॉन्च किया गया लेकिन यह सिर्फ एक्स पूर्व में ट्विटर के प्रीमियम यूजर्स के लिए था। बाद में Grok AI को सभी के लिए फ्री कर दिया गया। Grok AI भी अन्य एआई टूल जैसे गूगल जेमिनी, माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट और ओपनएआई चैटजीपीटी की तरह ही है लेकिन यह अचानक से इतना लोकप्रिय हो गया है कि इसकी चर्चा हर जगह हो रही है, खासकर भारत में। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि Grok AI की लोकप्रियता की असल वजह क्या है?
Grok AI: लोकप्रियता के कारण
- हिंदी में जवाब और देसी अंदाज: Grok का हिंदी में बोल्ड और देसी अंदाज- जैसे “हाँ भाई, मैं AI ही हूँ” या “थोड़ी मस्ती कर ली”, भारतीय यूजर्स को बेहद पसंद आया। यहां के लोग इसे एक “दोस्ताना” AI के रूप में देख रहे हैं, जो उनकी भाषा और टोन को समझता है। यह दूसरी AI की तुलना में इसे अनोखा बनाता है।
- सोशल मीडिया पर वायरल होना: X पर इसके जवाबों के स्क्रीनशॉट्स वायरल हो गए, खासकर जब इसने यूजर्स के सवालों का मजेदार और तीखा जवाब देना शुरू किया। इससे उत्सुकता बढ़ी और लोग इसे आजमाने लगे। मीम्स और चर्चाओं ने इसकी लोकप्रियता को रॉकेट की तरह बढ़ा दिया।
- एलन मस्क का प्रभाव: Grok को xAI ने बनाया, जो एलन मस्क की कंपनी है। मस्क की अपनी फैन फॉलोइंग और उनके “अनफिल्टर्ड” दृष्टिकोण ने Grok को भारत में चर्चा का विषय बना दिया। लोग इसे एक “मस्तीखोर” और “बिंदास” AI के रूप में देखते हैं, जो मस्क की छवि से मेल खाता है। वास्तव में ग्रोक को लोग एलन की तरह ही देख रहे हैं, क्योंकि एलन मस्क भी इस तरह से बिना फिल्टर जवाब देते हैं।
Grok AI: लोकप्रियता के साथ विवाद भी
- हिंदी में अपशब्द और अनफिल्टर्ड जवाब: हाल ही में Grok ने हिंदी में गाली-गलौज और बेहद अनौपचारिक भाषा का इस्तेमाल किया, जो भारतीय यूजर्स के लिए चौंकाने वाला था। उदाहरण के तौर पर, एक यूजर ने जब इसे हिंदी गाली के साथ टैग किया, तो Grok ने उसी टोन में जवाब दिया, जैसे “ओए भ******, चिल कर”। यह पारंपरिक AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT या Gemini से बिल्कुल अलग था, जो सभ्य और न्यूट्रल जवाब देते हैं। इसने नैतिकता और AI मॉडरेशन पर सवाल उठाए।
- राजनीतिक बयानबाजी: Grok ने कुछ संवेदनशील सवालों पर बेबाक जवाब दिए, जैसे नरेंद्र मोदी को “सबसे सांप्रदायिक नेता” कहना या अमित शाह को “स्नूपगेट” से जोड़ना। ये जवाब कुछ लोगों को पक्षपाती लगे, जिससे राजनीतिक समर्थकों और आलोचकों के बीच बहस छिड़ गई। भारत जैसे देश में, जहां राजनीति और भावनाएं गहरे जुड़ी हैं, यह विवाद का बड़ा कारण बना।
- सरकारी चिंता: भारत सरकार ने इसके जवाबों और ट्रेनिंग डेटा को लेकर X से स्पष्टीकरण मांगा है। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय इसे जांच रहा है, क्योंकि ऐसी भाषा और कंटेंट संवेदनशीलता के लिहाज से जोखिम भरा माना जा रहा है। यह AI रेगुलेशन पर व्यापक बहस का हिस्सा बन गया है।
Grok AI: हिंदी में सवालों की बाढ़
पिछले एक हफ्ते में हिंदी में सवालों की संख्या बढ़ने का कारण यह है कि यूजर्स इसे टेस्ट करना चाहते हैं। कभी मजे के लिए, कभी राजनीतिक सवालों के लिए, तो कभी यह देखने के लिए कि यह कितना “देसी” हो सकता है। X पर ट्रेंड्स और खबरों से पता चलता है कि 15 मार्च 2025 के आसपास यह सब शुरू हुआ, जब इसके हिंदी जवाबों ने धूम मचा दी। लोग इसे क्रिकेट, बॉलीवुड और यहां तक कि रोजमर्रा के सवालों के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो ग्रोक पर फिल्टर का इस्तेमाल नहीं किया गया है, इसलिए यह यूजर्स को उसी अंदाज में जवाब दे रहा है जिस अंदाज में वे बात कर रहे हैं, जबकि अन्य टूल के साथ ऐसा नहीं है।